वसंत पंचमी पर्व पर आप सभी मित्रजनों को सुर्यदीप की ओर से बधाई और यही कामना की माँ सरस्वती का ये रूप सदा आपके मन, चरित्र में वास करे:
जय जय हे, सरस्वती माता, जय जय हे, सरस्वती माता !!
चन्द्रवदन पद्मासन सोहे,
सन्मुख सदा विधाता,
वैभव सद्गुण संग तिहारे,
त्रिभुवन रहे विख्याता ! जय जय हे, सरस्वती माता !!
वीणा मधुर, वाम कर थामे,
वेद-प्रकाश, पुनीता,
दक्षिण कर निष्ठा की माला,
झंकृत सुर है सुहाता ! जय जय हे, सरस्वती माता !!
शीश मुकुट, मणि सहित सुहावे,
कंठ माल शुभ मुक्ता,
स्वान चरण रज सदा बुहारे,
दीप प्रजवल्लित रहता ! जय जय हे, सरस्वती माता !!
ज्ञान सरोवर, मुख तेजोमय,
तम अज्ञान मिटाता,
सुर्यदीप मन रूप निछावर,
सुखकारी गुण गाता ! जय जय हे, सरस्वती माता !!
सुर्यदीप "अंकित" त्रिपाठी - ०८/०२/२०११
वर दे वीणावादिनी वर दे.
ReplyDeleteबसंत पंचमी पर आपको हार्दिक शुभकामनाएँ...
माँ सरस्वती की भाव भरी अर्चना पढ़कर मन गद गद हो गया !
ReplyDeleteमाँ वाणी की कृपा हमेशा आप पर बनी रहे
धन्यवाद, सुशील जी, मर्मज्ञ जी...
ReplyDeleteवसंत...की वासंती शुभकामनाएं...
जय माँ सरस्वती....शुभ कामनाए
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