जलधर, जलभर बरसो
बरसों मेघ, पयोधर बरसो (२)
बरसों जलद, जलत वसुधा सरि,
वात अनल सम, प्रखर प्रचुर रवि,
नभचर आकुल, व्याकुल हलधर,
घिर-घिर, घन घम बरसो !
जलधर, जलभर बरसो .........
हुए अधीर नर-नारी, सुता-सुत,
खग, मृग, पादप, पुष्प मरण मुख,
जल बिन मीन, न जीव बिन पानी,
अमृत रूप नीर, तुम बरसो !
जलधर, जलभर बरसो .........