भू-तारन को, भू-पालन को, जन्म लियो कन्हाई !!
गावत हैं आज बधाई .....
मात यशोदा पुलकित-पुलकित, नन्द जु धन्य कहाई,
जन मन उपवन, हर्ष गगन वन, करत हैं देव बढ़ाई !!
गावत है आज बधाई....
जेहि पद रेनू न पावत दुर्लभ, तप धुनी जोग लगाईं,
वही चरण गोकुल धन करही, नन्द जु भुवन समाई !!
गावत है आज बधाई...
कृष्ण वदन और अधर मधुर-मधु, नयनन प्रीत लखाई,
सूर्यदीप करी प्रान निछावर, बलि-बलि रूपहूँ जाई !!
गावत है आज बधाई ....
सूर्यदीप अंकित त्रिपाठी - १०/०8/२०१२