है दीपावली का शुभ अवसर,
तू मिटा तिमिर, एक दीप जला,
कर रोशन अपने साथ ये जग,
शुभ दीप जला, शुभ दीप जला,
है निशा अमावस अंधियारी,
नहीं चंद्र, गगन करता फेरी,
कर अंधियारे का मुख रोशन,
शुभ दीप जला, शुभ दीप जला,
क्यूँ बैठा मन को मार मनुज,
क्यूँ बैठा हिम्मत हार मनुज,
चल उठ कर कदम से कदम मिला,
शुभ दीप जला, शुभ दीप जला,
सुर्यदीप अंकित त्रिपाठी -* २४/१०/२०११
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