हाइकु - प्रकृति और जीवन ....
उगता सूर्य
जन्म धरा व जन !
है आलिंगन !!
चढ़ता घाम
बढ़ता ये जीवन !
रास मगन !!
काला बादल
विपदा तन-मन !
क्रोध अगन !!
शाम प्रहर
खुद से अनबन !
देव नमन !!
रात सघन
मृत देह अगन !
लोक गमन !!
सुर्यदीप अंकित त्रिपाठी .....१९/१२/२०११
उगता सूर्य
जन्म धरा व जन !
है आलिंगन !!
चढ़ता घाम
बढ़ता ये जीवन !
रास मगन !!
काला बादल
विपदा तन-मन !
क्रोध अगन !!
शाम प्रहर
खुद से अनबन !
देव नमन !!
रात सघन
मृत देह अगन !
लोक गमन !!
सुर्यदीप अंकित त्रिपाठी .....१९/१२/२०११
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