जो होना था वो ही हो रहा है ये सत्य है, परन्तु अर्धसत्य;परमात्मा ने ये जीवन आपको दिया है कुछ सार्थक कर गुजरने की लिए,यदि यही सोचकर मनुष्य उदासीन या कर्महीन हो जाये कि,जो होना है वो तो होकर ही रहेगा तो संसार और मनुष्यता का विस्तार रुक जायेगा.
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