Tuesday, July 5, 2011

गर्दिश !!GARDISH - BY SURYADEEP ANKIT TRIPATHI

गर्दिश !!
दिल के जख्मों को, सरेआम, नुमाया नहीं करते !
दाग उल्फत के ज़माने को, दिखाया नहीं करते !!

पल दो पल के लिए, आँसू भी बहा देगा कोई !
साथ साए भी कभी दिन ढले, आया नहीं करते !!

छोड़ दे जिद ये, ज़माने को बदल ने की तू,
जागी आँखों में कोई, ख्वाब, सजाया नहीं करते !!




एक घंरोंदे को बनाने के लिए, इक उम्र है कम,
वक्त- बेवक्त ख़ुदा को ये, जताया नहीं करते !!

लाख समझाया था दिल को, कि मुहोब्बत ना कर,
आशियाँ खुद कभी अपना, यूँ, जलाया नहीं करते !!

मेरे दुश्मन मेरे मरने की दुआएं मांगें,
मेरे अपने, मेरे जीने की, दुआएं नहीं करते !!

छोड़ नफरत मेरी खातिर, दो घडी आके तू मिल,
जिन्दगी चार दिन की है, इसे जाया नहीं करते !!

सुर्यदीप अंकित त्रिपाठी - ०५/०७/२०११

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