कुछ खोयी सी वो बादल जैसी,
कुछ वो पवन सी लहराती !!
धीर बसा मन समंदर जैसा,
चंचल लहरों सी अठलाती !!
नैनों में मधुरस पल-पल छलके,
होठों पे शब्दों के बोल हलके..
हर पल फूलों सी मुस्काती !!...
पत्तों पे बिखरी शबनम जैसी,
रातो की रानी पूनम जैसी,
सितारों सी वो जगमगाती !!
सूर्यदीप अंकित त्रिपाठी - १३/०२/२०१२
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