जय साईं राम !!
ॐ जय साईं राम, जय साईं राम,
जय साईं राम, जय साईं राम,
१. नाम तेरा जो मन से गाये,
बिगड़ी बात साईं बन जाए,
इन चरणों में मैंने पाए, तीनों लोक, चारों धाम... साईं राम
जय साईं राम, जय साईं राम !!
२. राह भटकता प्राणी क्यों है,
साईं चरण में, जीवन ये है,
छोड़ दे चिंता साईं पर ही, साईं पर हर काम... साईं राम
जय साईं राम, जय साईं राम !!
३. कर सत्कर्म, न कर बैमानी,
दुनियाँ ये है आनी जानी,
साथ तेरे धन ना जाएगा, ना कोई कुल, ना ग्राम...साईं राम
जय साईं राम, जय साईं राम !!
४. घर को तज, जंगल क्यों भाजे,
साईं तेरे घर ही विराजे,
छोड़ ये भ्रम ये आडम्बर, प्रेम से कर तू ध्यान...साईं राम
जय साईं राम, जय साईं राम !!
सुर्यदीप अंकित त्रिपाठी - ३०/०६/२०११
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