नवाजिश और करम है आपका,
कि खिजां में बहार, फिर आई !
दिल मेरा , फिर, जोर से धड़कने लगा,
जबसे दोस्तों की दुआ काम आई !!
कि खिजां में बहार, फिर आई !
दिल मेरा , फिर, जोर से धड़कने लगा,
जबसे दोस्तों की दुआ काम आई !!
न था शामिल, कभी मैं, दूर तलक, उनके अफ़साने में,
पहले कागज़ में ही, तस्वीर मेरी, फिर कहानी आई !!
आज की सुबह का, एक ख्वाब, सच हो निकला,
याद पहले तेरी, फिर दर पे, तू, नज़र आई !!
suryadeep "ankit" - 7/1/2011
सुन्दर.
ReplyDeletethanks...harshji...
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