Sunday, December 5, 2010

तुम मेरी हो प्रेरणा !!!

तुम मेरी हो प्रेरणा !!!

तुम मेरी हो प्रेरणातुम ही हो मेरा आधार
तुम से हूँ ए ज़िन्दगी मैं, तुमसे ही है मेरा प्यार 
जब उदासी में घिरा था,
छाँव बनके आयी तुम ,
जब बहकने में लगा था,
साथ बनके आयी तुम
तुमसे मिलकर जिंदगी में, छा गई मेरे बहार 
तुम से हूँ ए ज़िन्दगी मैं, तुमसे ही है मेरा प्यार 

कौन देता है सहारा
जैसा तुमने मुझको दिया
दर्द लेके मेरे दिल का
खुशियों का तोहफा दिया
डाल दिया था, मेरे गले में,
अपनी कोमल बाहों का हार
तुम से हूँ ए ज़िन्दगी मैं, तुमसे ही है मेरा प्यार 

सुर्यदीप "अंकित" २८/०५/१९९४ 

10 comments:

  1. कल 20/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  2. वाह .....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

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  3. वाह! बढ़िया भावाभिव्यक्ति...
    सादर...

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  4. सुन्दर अभिवयक्ति.....

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  5. धन्यवाद, यशवन्त माथुर जी,
    आपके वक्तव्य के लिए... समय पर देख नहीं पाया इसके लिए क्षमा प्रार्थी ...

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  6. धन्यवाद, संगीता स्वरुप जी,
    आपके वक्तव्य के लिए... समय पर देख नहीं पाया इसके लिए क्षमा प्रार्थी ...

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