Monday, January 24, 2011

भारतवर्ष !!



भारतवर्ष !!
(देश का वक्तित्व)
देश मेरा, इस धरा पर, सबसे ऊंची शान है !
है सनातन, युग पुरातन, सदगुणों की खान है !!
है धरा का हरित आँचल, दुग्ध सी गंगा बहे, 
श्रृंखलाएं पर्वतों की, ताज सर "हिम" का रहे !! 
(देश की प्रकृति)
वन घने वृक्षों से उन्नत, धन-औषधि भंडार है,
दिव्य पुष्पों से सुसज्जित, धरती का श्रृंगार है !!
नित भोर की एक भेंट लेकर, नमन करता है रवि,
खग-वृंद का कलरव अनोखा, प्रकृति की अद्भुत छवि!!
(देश के युग पुरुष-महिलाएं) 
सीता सी नारी यहीं है, हैं कृष्ण की राधा यहीं,
प्रेम-पागल मींरा ने भज, कृष्ण को पाया यहीं !!
राम हैं जन्मे यहीं पर, कृष्ण का अवतार भी !
गांधी, नेताजी, शिवाजी, भगतसिंह सरदार भी !!
(देश के सपूत) 
याद है राणा का रण और, एक झांसी रानी भी, 
याद है वीरों का लड़ना, "आजाद" की कहानी भी !!
देश के सच्चे वो नायक, सीमा पर हैं जो डटे, 
जिनके बलपर हम सुरक्षित, चैन से रातें कटे !!    
(देश की एकता और उपलब्धियां)
गीता की शक्ति धरा में, कुरआन के सन्देश भी, 
मन रहे ईसा की मूरत, गुरबानी के उपदेश भी !!
है "कलाम" सा एक हीरा, जिसपे हमको नाज़ है !
"रहमान" ने संगीत की, दुनियाँ का पहना ताज़ है !! 
(देश के पर्व) 
रंग-बिरंगे पर्व हैं, और रंग बिरंगी बोलियाँ,
दीपों के जगमग कहीं, कहीं होली की हैं टोलियाँ !!
ईद की मीठी सेवैयाँ, रौनकें बैसाख की, 
प्रेम की ऊँची पतंगें, लोहड़ी में तपते हाथ की !!
(देश की वर्तमान उपलब्धि)
विश्व शक्ति बनके उभरा, विश्व का नेतृत्व है,
सूर्य सा है तेज जिसका, मान भी सवोच्व है !!
कहते-कहते मैं थकुंगा, ख़त्म होगी न इसकी शान ,
धन्य है ये देश मेरा, धन्य गाथा ये महान !!
सुर्यदीप "अंकित" - २४/०१/२०११  

5 comments:

  1. प्रिय मित्रो,
    सादर नमस्कार !!
    गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, सुर्यदीप की ओर से आप सभी परम मित्रों को बधाई !!
    यद्यपि भारत-वर्ष की गाथा या इसकी महिमा का वर्णन अनंत है, फिर भी गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर कुछ शब्दों से गुंथी माला से में इसकी महिमा का अभिनन्दन करना चाहता हूँ, आप सभी मित्रों से ये आशा करता हूँ की इन पंक्तियों में अपने कुछ बहुमूल्य शब्दों का मिश्रण कर, देश के इस समृद्ध पहलु का बखान करें. मैं जानता हूँ कि देश की वर्तमान स्तिथि कुछ भिन्न ही तस्वीर पेश करती है, लेकिन दोष कुछ लोगों का है, जो देश का नाम बदनाम कर रहें है, तो इसके लिए देश को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं. देश तो हमेशा से ही महान रहा है और रहेगा.
    जय हिंद, जय हिंदी, जय हिन्दुस्तान !!!

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  2. एक बने हम नेक बनें, भारत की पहचान बनें ।
    गणतंत्र दिवस पर आपके इस नेक जज्बे को साधुवाद.
    जय हिंद, जय हिंदी, जय हिन्दुस्तान !!!

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  3. धन्यवाद सुशील जी,
    आपको भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं !!!

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  4. Ankit ji,
    Bharat maa ke charano men samarpit behad bhawpurn aur sundar rachana.
    Gantantra diwas ki hardik shubhkamnaayen.

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