"उसकी याद"
था ये दिन कुछ उदास सा, ये रात भी उदास है !
समझ न पाए ये दिल मेरा, कि, बात क्या ये ख़ास है !!
न दिन को था सुकूं मुझे, न रात को सुकून है !!
न जाने कैसा सर पे मेरे, सवार ये जूनून है !!
हैं वक़्त क्यों बदल रहा, करवटें ये नयी नयी !
क्या अब भी, उसके आने का इसको इंतज़ार है !!
तस्सवुर में रहे हर वक़्त, उसका, वो हँसीं सा चेहरा !
गुमां होता है कि हर एक शै में हरदम, वो ही रहता है !!
उसी के लफ्ज़ को सुनना, उसी के गीत को गाना !
यही एक काम है हर पल, यही दिन रात रहता है !!
हैं देखे कितने ही चेहरे, और रंगों से सज़ी महफ़िल !!
लगे चेहरा वही अच्छा जो, उसके आँचल मैं रहता है !!
मैं जाकर पूछता रहता हूँ, अपने घर का पता सबसे !!
कदम ये चल पड़े बेबस, जहाँ दिलदार रहता है !!
उसी की है नवाजिस ये, है उसकी याद का जादू !
ग़मों की बारिशों मैं भी, जो मुझको जिन्दा रखता है !!
Suryadeep Ankit on Monday, September 27, 2010 at 2:13pm
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