"शुभ दीपावली "
खुशियाँ बिखरे चारों तरफ, सुर्यदीप का नमन रहे!!
हो न कोई सुख से वंचित, घर-घर एक चमन रहे,
बैर-द्वेष के भाव को तज, देश में एका-अमन रहे !!
दीनों के दुःख, हरी हर ले, दे कुछ पल उनको खुशियों के,
आंसू न बहे अब आँखों से, होंठों पे सदा मुस्कान रहे!!
न गोद कभी कोई सूनी हो, न मांग सिन्दूर रहे सूना,
गूंजे बच्चों की किलकारी, हरा-भरा आँगन ये रहे !!
नारी की इज्जत हर कोई करे, माँ-बाप का आशीष हो हरदम,
प्रगति पथ पर वो बढे सदा, ऊंचा सदा स्वाभिमान रहे!!
दीपों के इस उत्सव पर, जगमग सारा द्वीप रहे,
खुशियाँ बिखरे चारों तरफ, सुर्यदीप का नमन रहे!!
सुर्यदीप "अंकित" - ०२/११/२०१०
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