Sunday, November 28, 2010

आप बीती !!

आप बीती !!
जिंदगी में बहुत बदनाम हैं हुए,
शुक्र है चाहने वालों ने कुछ नाम तो दिया
गलियों की ख़ाक, छाना करते थे हम
शुक्र है चाहने वालों ने कुछ काम तो दिया
खाते थे हर कदम पर, ठोकरें हर पल,
शुक्र है चाहने वालों ने, सहारा तो दिया
बीच समंदर में डूबते थे हम,
शुक्र है चाहने वालों ने, किनारा तो दिया
चाहते थे हर ग़म को भूलना "अंकित" 
शुक्र है चाहने वालों ने एक जाम तो दिया
जिंदगी में बहुत बदनाम हैं हुए,
शुक्र है चाहने वालों ने कुछ नाम तो दिया
सुर्यदीप "अंकित" - २७/१२/१९९२ 

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